चेक बाउंस मामलो में बैंक लापरवाही करे तो क्या हर्जाना मिलेगा
बैंक यदि चेक बाउंस मामलो में लापरवाही करे तो क्या होगा ?
भुगतान के लिए प्रस्तुत चेक / विनिमय बिल / के साथ लापरवाही से व्यवहार करने के लिए बैंकर का दायित्व तब बनता है जब की चेक या विनिमय बिल,एक निर्दिष्ट बैंक में देय स्वीकार्य, भुगतान के लिए वहां विधिवत रूप से प्रस्तुत किया गया है और अनादरित हो गया है फिर भी यदि बैंकर लापरवाही से या अनुचित तरीके से ऐसे चेक /बिल को अपने पास पड़ा रखता है,और उसकी कोई सुचना संबंधित पक्षकार को नहीं देता है या उपेक्षापूर्ण व्यवहार करता है और अनादरित चेक को उचित समय के बाद चेक धारक को वापस देता है की उससे धारक के हितो को नुकसान पहुंचाता है, तो उसे धारक को इस तरह के नुकसान की भरपाई करनी पड़ेगी ।
परक्राम्य लिखत अधिनियम,1881 की धारा 77 के अनुसार यदि चेक बाउंस मामलो में बैंक लापरवाही करे और बिना किसी उचित कारण के अनादरित हुए चेक के सम्बन्ध में धारक को उचित समय में कोई सुचना नहीं दे और न ही उचित समय में चेक वापिस लोटाये और अपने पास ही पड़ा रहने दे तो धारक इस बाबत बैंक से हर्जाना प्राप्त करने का अधिकारी होगा और बैंक को उक्त हर्जाना राशि धारक को भुगतान करनी होगी।
जयपुर में 50+ वकील - एक ऑनलाइन वर्चुअल अपॉइंटमेंट बुक करें या अनुभवी और बहुभाषी वकीलों, अधिवक्ताओं, सॉलिसिटर, तलाक के लिए वकीलों, परिवार, दीवानी, आपराधिक, संपत्ति के मामलों में उच्च न्यायालय / सर्वोच्च न्यायालय के वकीलों से। प्रमुख शीर्ष कानूनी फर्म से परामर्श करें।
भारत में मामले दर्ज/बचाव करने के लिए। पारिवारिक विवाद या तलाक के मामलों, संपत्ति के मामले, रोजगार या श्रम अदालत के मामले, आपराधिक मामले, वसूली या चेक बाउंस मामलों, कराधान या कॉर्पोरेट मामलों, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, दहेज, धोखाधड़ी, दुर्घटना, चोरी, मकान मालिक के मुद्दे के लिए कानूनी सहायता प्राप्त करें , जमानत, कानूनी नोटिस, याचिका दायर करना या कानून के किसी अन्य क्षेत्र में विशेषज्ञ वकील की सेवाएं प्राप्त करे।
100% गोपनीय कानूनी सेवाएं, सत्यापित वकील, विशेषज्ञ कानूनी सलाह, मामूली परामर्श शुल्क। जयपुर राजस्थान भारत में THE LEGAL COURT को शीर्ष सर्वश्रेष्ठ वकील टीम के रूप में जाना जाता है।
मुफ्त कानूनी परामर्श के लिए क़ानूनी सहायता के लिए आपके नजदीक ,अभी काल करे टोल फ्री -911-911-2929, 0141-4455144
Start Legal
- 1. 1 Legal Notices
- 2. 2 Hours of Legal Consultation
- 3. 1 Notice Reply